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विधानसभा के भर्ती घपले में 40 की सेवाएं समाप्त, 228 तदर्थ नियुक्तियां की गई हैं निरस्त

विधानसभा में बैकडोर भर्ती कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। विधानसभा सचिवालय की ओर से लगभग 50 कर्मचारियों को सेवा समाप्ति के पत्र जारी किए गए। वर्ष 2016 से 2022 तक तदर्थ आधार पर नियम विरुद्घ नियुक्त 228 और उपनल के माध्यम से तैनात 22 कर्मचारियों को विधानसभा की नौकरी से बाहर किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी पुष्टि की है।

विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने 2016 से 2022 तक तदर्थ आधार पर नियमों के विपरीत की गई भर्तियों को रद्द किया था। सरकार की अनुमति मिलने के बाद विधानसभा सचिवालय ने इन कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को विधानसभा ने लगभग 50 कर्मचारियों को पत्र जारी किए।

बता दें कि बैकडोर भर्तियों की जांच कर रही विशेषज्ञ समिति ने राज्य गठन के बाद विधानसभा में तदर्थ आधार पर हुई नियुक्तियों को नियम विरुद्ध पाया है। समिति की सिफारिशों पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने 2016 में 150, 2020 में 6 और 2021 में 72 पदों की भर्ती को रद्द करने का फैसला लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी स्पीकर के फैसले की सराहना करते हुए तत्काल अनुमोदन कर दिया था।

नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों में मायूसी

रद्द की गई भर्तियों के दायरे में आए कर्मचारी सोमवार को अपनी ड्यूटी पर विधानसभा पहुंचे, लेकिन उनके चेहरे पर नौकरी जाने की मायूसी थी। इसी बीच विधानसभा सचिवालय की ओर से कर्मचारियों को हटाने के पत्र भी जारी कर दिए गए।

कर्मचारियों ने लगाया भेदभाव का आरोप

विधानसभा में 2016 से 2022 तक तदर्थ आधार पर नियुक्त कर्मचारियों ने कार्रवाई में भेदभाव का आरोप लगाया। इन कर्मचारियों का कहना है कि जिस तरह से 2012 से पहले विधानसभा में कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। उसी तर्ज पर 2016 से 2022 के बीच तदर्थ आधार पर नियुक्ति की गई। जांच समिति की सिफारिशों पर 2016 के बाद की भर्तियों को रद्द कर भेदभाव किया गया। 2012 से पहले तदर्थ आधार पर नियुक्त 170 कर्मचारियों को नियमित भी किया गया है।

विधानसभा सचिव को भी निलंबन के आदेश जारी

विधानसभा में 32 पदों की सीधी भर्ती प्रक्रिया में संदिग्ध भूमिका होने पर सचिव मुकेश सिंघल को निलंबित करने के लिए आदेश जारी किए गए।  विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने 32 पदों की सीधी भर्ती में एजेंसी के चयन और दो दिन के भीतर एजेंसी को 59 लाख का भुगतान मामले की जांच का निर्णय लिया है। जांच पूरी होने तक सचिव को निलंबन जारी रहेगा।

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