डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा युवक हुआ डिपोर्ट, तीन दलाल चढ़े पुलिस के हत्थे

हरियाणा के एजेंटों ने नकली दस्तावेज बनवाकर भेजा युवक, अमेरिका में गिरफ्तारी के बाद भारत लाया गया
नई दिल्ली। दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने मानव तस्करी के एक संगठित नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने हरियाणा के तीन एजेंटों – संजीव कुमार (निवासी: मेहमदपुर, करनाल), दयाल सिंह (निवासी: गुनाना, करनाल) और बसंत लाल (निवासी: उमरी, कुरुक्षेत्र) – को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन्होंने करनाल निवासी 25 वर्षीय प्रिंस को अवैध रूप से अमेरिका भेजने के लिए 74 लाख रुपये लिए थे।
पुलिस के अनुसार, 29 अप्रैल की रात प्रिंस अमेरिका से निर्वासित होकर दिल्ली पहुंचा, जहां जांच में उसके पासपोर्ट में छेड़छाड़ और फर्जी वीजा के संकेत मिले। मामले में एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि प्रिंस कुछ दोस्तों के कहने पर अमेरिका जाना चाहता था और इसके लिए एजेंटों की मदद ली।
जून 2023 में वह पर्यटक वीजा पर थाईलैंड और लाओस गया और जुलाई में भारत लौट आया। इसके बाद वह संजीव कुमार उर्फ रिंकू के संपर्क में आया, जिसने उसे दयाल सिंह से मिलवाया। दयाल ने 55 लाख रुपये में अमेरिका पहुंचाने का वादा किया और नकद में रकम ले ली। इसके बाद प्रिंस के पासपोर्ट पर नीदरलैंड का फर्जी शेंगेन वीजा लगवाया गया और नवंबर 2023 में उसकी फ्रांस यात्रा कराई गई।
फ्रांस से प्रिंस को अवैध रूप से पुर्तगाल और स्पेन पहुंचाया गया, जहां पैसे को लेकर एजेंटों से उसका विवाद हो गया। इसी दौरान उसकी मुलाकात बसंत लाल से हुई, जिसने 37 लाख रुपये में डंकी रूट से अमेरिका भेजने का भरोसा दिया। प्रिंस ने उसे 19.5 लाख रुपये नकद दिए और शेष रकम बाद में देने की बात हुई।
इसके बाद उसकी यात्रा ग्वाटेमाला, निकारागुआ, होंडुरास और मैक्सिको होते हुए अमेरिका तक कराई गई। मैक्सिको में उसे जाली वीजा उपलब्ध कराया गया। अमेरिका में घुसपैठ के कुछ दिन बाद ही वह पकड़ा गया और चार महीने हिरासत में रखने के बाद भारत भेज दिया गया।
प्रिंस की निशानदेही पर पुलिस ने 3 मई को करनाल से संजीव और दयाल को और 5 मई को कुरुक्षेत्र से बसंत लाल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में तीनों ने जुर्म कबूल कर लिया है और खुलासा किया है कि वे पहले भी ऐसे कई युवाओं को अवैध तरीके से विदेश भेज चुके हैं।