पैसों के फेर में फंसा सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट के ट्विन टावर का मलबा उठाने का काम - न्यूज़ इंडिया 9
ग्रेटर नोएडा

पैसों के फेर में फंसा सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट के ट्विन टावर का मलबा उठाने का काम

नोएडा। सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट के ट्विन टावर का मलबा उठाने का मामला पैसों के फेर में फंस गया है। मलबे का निस्तारण करने की एवज में सुपरटेक बिल्डर को नोएडा प्राधिकरण को करीब 46 लाख रुपये का भुगतान करना है, लेकिन अभी तक एक भी पैसा नहीं दिया गया। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण ने फिलहाल मलबा लेने से रोक लगाई हुई है। इस वजह से मौके से मलबा भी नहीं उठ पा रहा है। एक सप्ताह में सिर्फ दो दिन ही मलबा यहां से उठ सका है। ऐसे में आसपास की सोसाइटी वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

एमरॉल्ड कोर्ट परिसर में बने ट्विन टावर 28 अगस्त को ध्वस्त किए गए थे। इनके गिरने पर करीब 80 हजार टन इकठ्ठा हुआ था। शर्तों के तहत इसमें से करीब 28 हजार टन मलबा नोएडा प्राधिकरण की सेक्टर-80 स्थित कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन प्लांट पर जाना है। प्लांट में टाइल्स व अन्य उपयोगी चीजें बनाई जाएंगी। बाकी मलबा ट्विन टावर के दो बेसमेंट में भर जाएगा। इसके अलावा जो मलबा बचेगा वह ग्रेटर नोएडा के एक गांव में खाली जमीन पर जाना प्रस्तावित है, इसके लिए जमीन तलाशी जा रही है। खास बात यह है कि टावरों को ध्वस्त हुए 20 दिन से अधिक का समय हो चुका है लेकिन अभी तक रफ्तार के साथ मलबा उठना शुरू नहीं हुआ है। सिर्फ दो दिन में करीब 10 ट्रक मलबा टावर से सेक्टर-80 साइट पर गया था। मौके से मलबा नहीं उठने की वजह सुपरटेक बिल्डर की ओर से नोएडा प्राधिकरण को पैसों का भुगतान नहीं किया जाना है। शर्तों के तहत सेक्टर-80 स्थित प्लांट में मलबे का निस्तारण करने की एवज में नोएडा प्राधिकरण 157 रुपये प्रति टन के हिसाब से शुल्क बिल्डर से लेगा। कुछ और शुल्क को जोड़कर 28 हजार टन मलबे के निस्तारण की लागत करीब 46 लाख रुपये तय होती है। प्राधिकरण ने पत्र भेजकर पहली किश्त के रूप में 15 लाख रुपये देने को कहा था लेकिन उसने कोई भुगतान नहीं किया। ऐसे में दो दिन तक सेक्टर-80 में मलबा लिया गया लेकिन इसके बाद प्राधिकरण ने लेने से इंकार कर दिया। जिस वजह से मौके से मलबा उठने का काम बंद हो गया है। मलबा नहीं उठने से एमरॉल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धूल फ्लैटों में जा रही है हालांकि एडीफाइस एजेंसी की ओर से स्मॉग गन, पानी का छिड़काव आदि पूरे इंतजाम किए जाने का दावा किया जा रहा है। आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर सोसाइटी वालों की मुसीबतें और बढ़ जाएंगी। खास बात यह है कि बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए एक अक्तूबर से एनटीजी की गाइडलाइंस लागू हो जाएगी।

इस बारे में एमरॉल्ड कोर्ट की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया ने कहा कि मलबा नहीं उठने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में प्राधिकरण व एडीएफाइस एजेंसी के अधिकारियों से बात कर जल्द मलबा उठवाना शुरू किया जाएगा।

तीन महीने में हटना था, अब चार महीने से अधिक लगेंगे

टावर ध्वस्त होने के बाद तीन महीने के अंदर मौके से पूरी तरह से मलबा हटाया जाना था लेकिन अभी तक ठीक ढंग से शुरूआत नहीं हो सकी है। ऐसी स्थिति में चार महीने यानि जनवरी 2023 तक तक ही पूरी तरह मलबा हट पाएगा।

पैसे नहीं देने पर आरसी के जरिए वसूला जाएगा

बिल्डर मलबा निस्तारण के लिए पैसे नहीं दे रहा जबकि दूसरी ओर मौके पर मलबा पड़े होने से सोसाइटी वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसको देखते हुए प्राधिकरण ने बीच का रास्ता निकालने का निर्णय लिया है। इसके तहत मलबा उठाने की मंजूरी दे जाएगी और मलबा निस्तारण का पैसा आरसी के जरिए बिल्डर से वसूला जाएगा। इसके लिए आला अधिकारियों से सहमति लेने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है।

खाली जमीन को लेकर प्रस्ताव का इंतजार

ट्विन टावर गिरने के बाद बिल्डर ने यहां पर नए सिरे से टावर खड़े करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का ऐलान कर दिया है जबकि एमरॉल्ड कोर्ट की आरडब्लयूए ने यहां पर मंदिर, पार्क व बच्चों के खेलने के लिए मैदान बनाने का निर्णय लिया है। इस जमीन पर बिल्डर क्या बनाएगा, इसको लेकर अभी तक प्राधिकरण में कोई नक्शा नहीं दिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button