अफगान सिख हिंदूओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनाई आपबीती, देशीयकरण की समस्या दूर करने के लिए किया धन्यवाद - न्यूज़ इंडिया 9
अंतर्राष्ट्रीय

अफगान सिख हिंदूओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनाई आपबीती, देशीयकरण की समस्या दूर करने के लिए किया धन्यवाद

नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद भारत आए अफगान सिख हिंदू के प्रतिनिधिमंडल (Indian Origin Afghan nationals) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात की. दल की यह मुलाकात पीएम मोदी के दिल्ली स्थिति आवास पर हुई. पीएम ने पहले प्रतिनिधि मंडल का स्वागत किया और फिर इसके बाद उन्होंने उनके द्वारा लाए गए उपहारों को स्वीकार किया. प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी को अफगानी अंदाज में साफा पहनाया.

अफगान सिख हिंदू (Afghani Hindu Sikh) प्रतिनिधिमंडल ने तालिबान के अफगानिस्तान में कब्जे के दौरान बुरे संकट के समय वहां से निकाल पर भारत में शरण देने के लिए पीएम का आभार जताया. मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने 2020 में तालिबान द्वारा अगवा किए गए अफगान नागरिक निदान सिंह सचदेवा (Nidan Singh Sachdeva) से भी बातचीत की.

निदान सिंह सचदेवा ने बताया कि मुझे एक गुरुद्वारे से तालिबान (Taliban) द्वारा अपहरण कर लिया गया था और वे मेरा धर्मपरिवर्तन कराना चाह रहे थे. निदान सचदेवा ने बताया कि हमें भारतीय जासूस समझकर अपहरण किया था. सचदेवा ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि अफगानिस्तान में बुरे संकट के समय भारत सरकार ने जो हमारी मदद की हम उससे बहुत ज्यादा खुश हैं. उन्होंने कहा कि हमें बस आश्रय और राष्ट्रीयता की आवश्यकता है.

प्रतिनिधि मंडल में मौजूद 1989 में अफगानिस्तान से भारत में आए तरेंद्र सिंह ने बताया कि हमने पीएम मोदी को काबुल में अपहने हालात से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य समस्या देशीयकरण थी हम आज भी अपनी नागरिकता के लिए इधर उधर भटक रहे हैं. उन्होंने कहा इसी समस्या को हल करने के लिए हमने CAA लाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.

पीएम मोदी से मिलने पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में गुलजीत सिंह (Guljeet Singh), डॉ. रघुनाथ कोचर (Dr Raghunath Kochar), हरभजन सिंह (Harbhajan Singh), अफगान मूल के भारतीय व्यवसायी बंसरी लाल अरेन्दे (Bansri Lal) शामिल थे. इन लोगों का पिछले साल अफगानिस्तान में अपहरण कर लिया गया था, लेकिन भारत के दबाव के बाद सभी लोगों को छोड़ दिया गया था. इस बैठक में शामिल अधिकांश लोगों में वे थे जो पिछले दो दशक में अफगानिस्तान से भारत लौटे हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button