सिलिगुड़ी से लौटे सुफाई का सोमवार को कोर्ट में ट्रायल होगा
नोएडा। देश में 1200 करोड़ से अधिक की ठगी कर चीन भेजने के आरोपी सुफाई को सिलिगुड़ी से वापस लाकर जिले की लुक्सर जेल में दाखिल करा दिया गया है। आरोपी को दार्जिलिंग से वापिस लाने के लिए एसटीएफ ने कोर्ट को पत्र लिखा था। इसके बाद कोर्ट द्वारा दार्जिलिंग पुलिस को नोटिस जारी किया गया था। इस मामले मे सोमवार से कोर्ट में ट्रायल प्रारम्भ हो जाएगा।
एसटीएफ का कहना है कि इस मामले मे सुफाई समेत 19 आरोपियों के खिलाफ एसटीएफ द्वारा न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि दार्जिलिंग में फर्जी तरीके से भारतीय पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज बनवाने के मामले में पूछताछ के लिए न्यायालय के आदेश से दार्जिलिंग पुलिस 28 जनवरी को सुफाई को अपने साथ ले गई थी। सुफाई ने भारत में रहते हुए दार्जिलिंग के पते पर अपना भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवा लिए थे। इसके संबंध में दार्जिलिंग में भी मुकदमा दर्ज किया गया था। वहां पर हुई जांच में पता चला था कि उसने दार्जिलिंग के किसान लाक्पा शेर्पा के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था।
जय भाई ठक्कर के खिलाफ तैयार हो रही चार्जशीट
एसटीएफ की जांच में 13 चीनी नागरिकों समेत 20 आरोपियों के नाम सामने आए थे। इसमें से 19 के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में जमा की जा चुकी है, सिर्फ एक आरोपी जय भाई ठक्कर बचा है। इसके खिलाफ एसटीएफ के अधिकारी चार्जशीट तैयार करने में जुटे हैं। जय भाई ठक्कर वर्तमान में कैथल जेल में बंद है। यह भारत में इस चाइनीज गिरोह के मास्टर माइंड रवि उर्फ नटवरलाल का भाई है। नटवरलाल ही भारत में चीन के लोगों की कंपनियां खुलवाता था और हर कंपनी में नटवरलाल की अहम भूमिका होती थी। मूलरूप से गुजरात के राजकोट का रहने वाला नटवरलाल चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गया था और वर्ष 2017 में पढ़ाई को अधूरी छोड़कर वह ठगी के धंधे में चीन के लोगों के साथ जुड़ गया था।
जिंड़ी है मासटर माइंड, नोएडा और हैदराबाद में फैलाया पूरा जाल
चीन से भारत में आए जिंडी ने ही करीब चार साल पहले यहां पर ठगी का नेटवर्क तैयार किया था। एजेंसियों की जांच में पुष्टि हो चुकी है कि देश में लोन ऐप, गेमिंग ऐप और ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से लाखों लोगों से हजारों करोड़ की ठगी करने का पूरा नेटवर्क जिंडी ने अपने कुछ खास चीनी लोगों के साथ मिलकर फैलाया था। इसमें उसने भारत के भी कई जालसाजों को शामिल किया था। भारत में अपना पूरा नेटवर्क तैयार करने के बाद जिंडी वर्ष 2020 में ही भारत से वापस चीन लौट गया था और वह इन दिनों चीन, सिंगापुर और हांगकांग में लगे सर्वर के माध्यम से ठगी के पूरे खेल को संचालित कर रहा है। वर्तमान में भी उसके बीस से अधिक विश्वासपात्र देश में रहकर या फिर भारत से सटे नेपाल में बैठकर ठगी के धंधे को संचालित कर रहे हैं।
ईडी, इनकमटैक्स औऱ डीआरडीओ भी कर रही मामले की जांच
नोएडा एसटीएफ की रिपोर्ट के बाद ईडी, इनकम टैक्स और डीआरडीओ ने चीन के नागरिकों द्वारा की गई 1200 करोड़ से अधिक की ठगी के मामले में जांच प्रारम्भ कर दी है। इन चीनी नागरिकों द्वारा अवैध रूप से भारत में रहते हुए लोन ऐप, गेमिंग ऐप और ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से 1200 करोड़ से अधिक की ठगी की और इस पैसे को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन भेज दिया गया। नोएडा एसटीएफ द्वारा इस मामले की जांच करते हुए अभी तक 80 से अधिक बैंक खातों का पता लगाकर उनमें 25 करोड़ रुपये फ्रीज कराये जा चुके हैं। नोएडा एसटीएफ के अनुसार उनके द्वारा इस मामले को लेकर डीआरडीओ, इनकमटैक्स और ईडी को पूरी रिपोर्ट भेजी थी। इसके बाद इन विभागों के द्वारा भी इस मामले में जांच की जा रही है। चीन के संदिग्ध नागरिकों की गिरफ्तारी का मामला गंभीर है, जिसमें हो रहे खुलासो ने देश की सुरक्षा एजेंसियों की भी नींद उड़ा रखी है। इस मामले की जांच में नोएडा एसटीएफ और आईबी समेत देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियां तो जांच में जुटी ही हैं। उनके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, नागालैंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम और दिल्ली की जांच एजेंसियां भी जांच कर रही हैं।