श्रीलंका सरकार ने अपने कई मंत्रियों को किया निलंबित, पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने का आरोप
श्रीलंका सरकार में कम से कम दो फ्रंट-लाइन मंत्रियों को पार्टी अनुशासन के उल्लंघन के लिए श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) द्वारा निलंबित कर दिया गया है। पार्टी महासचिव दयासिरी जयशेखर ने संवाददाताओं से कहा कि जब तक वे स्पष्टीकरण नहीं देते, उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा उड्डयन मंत्री निमल सिरीपाला डी सिल्वा और कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा के साथ राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की सरकार में तीन अन्य कनिष्ठ मंत्रियों को एसएलएफपी की केंद्रीय समिति ने कल रात बैठक कर बर्खास्त कर दिया। इन सभी पर पार्टी अनुशासन तोड़ने का आरोप लगा है। निलंबन बजट 2023 के संसदीय अनुमोदन वोट से पहले आया है। हालांकि, पार्टी के निलंबन का मतलब यह नहीं है कि दो मंत्रियों को विक्रमसिंघे के मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है।
विक्रमसिंघे ने सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए कर सुधारों का प्रस्ताव दिया
विक्रमसिंघे, जो वित्त मंत्री भी हैं, ने द्वीप राष्ट्र में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण मौजूदा आर्थिक संकट को दूर करने के अपने उपायों के तहत सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए कर सुधारों का प्रस्ताव दिया है। आर्थिक संकट के कारण देश भर में व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके कारण तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को इस्तीफा देना पड़ा।
विक्रमसिंघे के सांसदों में नाराजगी
विक्रमसिंघे, जिन्होंने संकट के बीच में सत्ता संभाली थी, ने देश को विकास की पटरी पर वापस लाने के लिए आर्थिक सुधारों का वादा किया था। राज्य के कुछ व्यापारिक उपक्रमों के निजीकरण के उनके प्रस्तावों ने सांसदों के बीच नाराजगी पैदा कर दी है। सांसदों ने आरोप लगाया है कि विक्रमसिंघे ने श्रीलंका टेलीकॉम को भी निशाना बनाया था जो मुनाफा कमा रही थी।