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करोड़ों का घपला और नहीं जाना चाहते जेल ! तो केवल यही वकील करा सकते है ,जल्द उच्च न्यायालय से बेल

7000 करोड़ के मनी लाउंड्रिंग केस में मनप्रीत तलवार को जेल से बाहर निकालने वाले वकील से ख़ास बातचीत

करोड़ों का घपला और नहीं जाना जेल, तो ये वकील करवा सकता है जल्द आपकी बेल

 

दिल्ली ।  सिद्धार्थ जोशी भारत के सर्व श्रेष्ठ वकीलों में से एक हैं, जो तक़रीबन 19 साल से क़ानून पढ़ भी रहें हैं व साथ ही अपनी ऑफिस में कॉलेज से वकालत की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को पढ़ा भी रहे हैं । उन में से एक वकील का नाम अमरीन है ,अमरीन सिद्धार्थ जोशी कि एक मेहनती व तेज़ तर्रार वकीलों में से एक है जो उनकी लॉ फ़र्म में सबसे विश्वसनीय है। अमरीन लखनऊ की रहने वाली है व सिद्धार्थ एंड एसोसिएट्स की सबसे ज़िम्मेदार और भरोसेमंद भी है गाड़ी हो या बाईक या कोई हुई सर्विस किसी भी ब्रांड का नाम उसकी क़ीमत (After sales service) से ही बढ़ती है । सिद्धार्थ जोशी जस्टिस एस.सी. जैन से प्रेरित हैं इसलिए उन्होंने केस को लेना प्राथमिकता नहीं रखा है इसीलिए आज वो ये मुक़ाम हासिल कर पायें हैं कि उनकी (Net worth) कुछ 100 करोड़ की आस पास है  वकील अमरीन की बात की जाये तो उन्हें (After sales manager) कहना सही होगा । 2013 के बाद से एल.एल.बी कर रहें छात्रों में भारी संख्या में बढ़ोतरी हुई है ,जिस वजह से आज के दौर में जूनियर और सीनियर के बीच कौन ज़्यादा अच्छा वकील है कहना बहुत  मुश्किल होगा । वकालत की एक ख़ास बात है, कि इसमें चाहे आपको 50 वर्षों का तजुर्बा प्राप्त कर लें ,परंतु तब भी आप वकालत सीखते ही हैं। आम तौर पर अगर हम बात करें नामचीन बड़े वकीलों कि, तो हम कुछ ही नाम जानते हैं,जैसे कि कपिल सिब्बल,राम झेठमलानी । हम आपको बताएँगे कि सिद्धार्थ जोशी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 7000 करोड़ के मनी लाउंड्रिंग केस में फँसे मनप्रीत तलवार को कितने महीने में बाहर ले आये थे । )पढ़िए पूरी खबर ) आपको देश के टॉप 5 वकीलों से रूबरू करवाते हैं ,जिनकी फ़ीस सुन आप चौंक जाएँगे ।

1. राम जेठमलानी
भारत के मशहूर और महंगे वकीलों की श्रेणी में पहले नंबर पर राम जेठमलानी का नाम आता है। हालांकि, साल 2019 में इनका देहांत हो गया है। जेठमलानी को क्रिमिनल और संवैधानिक नियम कानूनों की बहुत अच्छी जानकारी थी। 17 साल की उम्र में मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। वह यह डिग्री हासिल कर सकें इसके लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया गया, क्योंकि उस समय वकील बनने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष थी। बाद में उन्होंने कराची के एससी शाहनी लॉ कॉलेज से एलएलएम की डिग्री हासिल की।उन्होंने भारत के केंद्रीय कानून मंत्री और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। 2010 में, उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। राम जेठमलानी ने कई हाई-प्रोफाइल और विवादास्पद मामले भी लड़े हैं। जैसे कि केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र राज्य मामला, जेसिका लाल हत्याकांड, अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान का मामला, अफजल गुरु का मामला, सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामला, स्पेक्ट्रम 2जी मामला और राजीव गांधी, इंदिरा गांधी की पैरवी से लेकर आसाराम की जमानत तक बहुत कुछ। इनकी प्रति हियरिंग फीस 25 लाख रुपए थी, जिसका मतलब है कि यह एक बार कोर्ट में आने के 25 लाख रुपए लेते थे।

2. हरीश साल्वे
वहीं, दूसरे नंबर पर हरीश साल्वे का नाम आता है। वकील और मानवाधिकार अधिवक्ता हरीश साल्वे 1 नवंबर 1999 से 3 नवंबर 2002 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल थे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आईटीसी लिमिटेड, टाटा समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसे प्रमुख निगमों के लिए एक वकील के रूप में काम किया है।साल्वे को कानूनी क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सबसे ज्यादा पहचाना जाता है, खासकर गरीबों और वंचितों की ओर से। इसके अलावा, उन्होंने अन्य सामाजिक मुद्दों, जैसे मानवाधिकारों को बढ़ावा देना और गरीबी के खिलाफ लड़ाई में भी योगदान दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के समक्ष कुख्यात मामले में कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व किया। साल्वे बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के हिट एंड रन केस भी लड़ रहे हैं। साल्वे प्रत्येक केस सुनवाई के लिए 30 लाख रुपए लेते हैं।

3. फली नरीमन

तीसरे नंबर पर फली नरीमन का नाम आता है। 1950 में मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल करने के लिए जाने जाने वाले, फली एस नरीमन ने वकील की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उन्हें रोमन कानून और न्यायशास्त्र के लिए किन्लॉक फोर्ब्स गोल्ड मेडल और पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। हालांकि, कानून इस प्रतिष्ठित भारतीय संवैधानिक न्यायविद और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील की पहली प्राथमिकता नहीं थी। उनके पिता चाहते थे कि वह सिविल सेवा में आगे बढ़ें, लेकिन परिवार के सक्षम न होने के कारण उन्होंने अंततः कानून की पढ़ाई की।नरीमन 1971 से कानून का अभ्यास कर रहे हैं और 1991 में उन्हें बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया का अध्यक्ष नामित किया गया था। उन्हें 1972-1975 तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नामित किया गया था और आपातकाल की घोषणा के कारण उन्होंने उस पद से इस्तीफा दे दिया था। नरीमन पांच मिनट की बहस के लिए 3 लाख रुपए तक चार्ज करते हैं,जबकि हियरिंग के लिए 25 लाख रुपए की फीस है।

4. सोली सोराबजी
भारत के सबसे महंगे वकीलों की रेस में सोली सोराबजी चौथे नंबर पर आते हैं। मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई करने के बाद , सोली सोराबजी को 1953 में बार में भर्ती कराया गया था। अपने लॉ स्कूल में, सोराबजी को रोमन कानून और न्यायशास्त्र में किनलोच फोर्ब्स गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था। सोराबजी ने भारत के लिए कई अंतरराष्ट्रीय मुकदमें जीते हैं। सोराबजी प्रति हियरिंग के लिए 10 से 15 लाख रुपए लेते हैं।

5. के. परासरन
के परासरन भारत के सबसे प्रसिद्ध और सफल वकीलों में से एक हैं। उन्होंने अदालत में कई प्रसिद्ध ग्राहकों का प्रभावी ढंग से बचाव किया है, जैसे कि अयोध्या में संपत्ति विवाद मामले में हिंदू पक्ष और सबरीमाला मामले में नायर सर्विस सोसाइटी।के परासरन ने मद्रास के लॉ कॉलेज से स्नातक किया है। छह दशक से अधिक समय तक चले अपने शानदार करियर में उन्हें कई सम्मान मिले हैं, जिनमें पद्म भूषण और पद्म विभूषण शामिल हैं। हम अनुमान लगा सकते हैं कि उसकी फीस रुपये के बीच है। 10 से 12 लाख रुपए प्रति हियरिंग के लिए लेते हैं।

हम सिद्धार्थ जोशी की 1 तारीख़ सुनवाई की फ़ीस कि जानकारी तो नहीं दे पायेंगे ।अगर बड़े वकीलों की बात करें तो वकील के बच्चे वकील ही बनते हैं , ऐसा कहा भी जाता है और देखा भी गया है परंतु हम आपको बता दें कि सिद्धार्थ अपने परिवार में पहली पीढ़ी के वकील हैं और उन्हें केवल लॉ कॉलेज की फ़ीस और किताबें ही विरासत में मिले हैं।
अगर आज के दौर की बात की जाये तो सिद्धार्थ जोशी कि गिनती सर्व श्रेष्ठ वकीलों में हम इसीलिए कर रहे क्योंकि एक वकील का तजुर्बा उसके लड़े हुए केसों व उसके द्वारा जीते गये केसों के आधार पर किया जा सकता है । हम बताने चाहेंगे 2023 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनप्रीत सिंह तलवार पर 7000 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज कर उन्हें गिरफ़्तार किया गया था, यह केस सिद्धार्थ जोशी द्वारा लड़ा जा रहा है, सिद्धार्थ जोशी 2023 में सभी वकीलों व अख़बार की सुर्ख़ियों में रहे थे क्योंकि सिद्धार्थ जोशी अपने क्लाइंट मनप्रीत सिंह तलवार को महज़ तीन महीनों में दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत की अर्ज़ी लगा व उनकी जमानत करवा जेल से घर ले आये थे । विकी-बायो में उनकी बायोग्राफ़ी के हिसाब से सिद्धार्थ  की निवल मूल्य 100 करोड़ के आस पास है ।उनकी Net worth यानी निवल मूल्य के हिसाब से आप ख़ुद ही आँकलन लगा सकते हैं कि , उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 7000 करोड़ के मनी लाउंड्रिंग केस में फँसे मनप्रीत तलवार को महज़ 3 महीने के आस पास जमानत करवाने की कितनी फ़ीस ले ली होगी

सिद्धार्थ जोशी एंड एसोसिएट्स लॉ फ़ार्म अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों को कानूनी सेवाओं देने का एक स्पेक्ट्रम प्रदान करती है, जिसमें बहुराष्ट्रीय, सार्वजनिक और निजी कंपनियां और अन्य कॉर्पोरेट संस्थाएं शामिल हैं। फर्म के पास पेशेवरों की एक समर्पित टीम है जिसमें भारत के सर्वश्रेष्ठ वकील, बौद्धिक संपदा विशेषज्ञ, तकनीकी विशेषज्ञ, चार्टर्ड अकाउंटेंट और सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार शामिल हैं, जिनके पास ग्राहकों की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक विशिष्ट उद्योग विशेषज्ञता, संसाधन और प्रतिबद्धता है। इसके मालिक मशहूर वकील सिद्धार्थ जोशी हैं                                                                       जिस तरह अधिवक्ता सिद्धार्थ जोशी ने महज़ अपनी  19 साल की वकालत में कई बड़े केसों में अपने क्लाइंटस को जीत हासिल करवाई व जल्द ज़मानत करवाई है , यह आज के दौर की वकालत की दुनिया में एक बहुत बड़ी कामयाबी है ।सिद्धार्थ जोशी ने मनप्रीत प्रवर्तन निदेशालय केस में जमानत के अलावा भी कई बड़े केसों में जीत हासिल कर अपने आपको स्वयं अख़बार की सुर्ख़ियों में लंबे अरसे से बनाये रखा है ।                                                                               उन्होंने अपने पूरे करियर में कई बड़े केस जीते हैं। उनकी कुछ बड़ी उपलब्धियों में सचिव, वित्त मंत्री, राजस्व विभाग और राजस्व खुफिया निदेशालय के माध्यम से अजय गुलाटी बनाम भारत संघ का मामला शामिल है। चरणजीत सिंह बनाम राज्य, प्रागुनबिल्डटेक (पी) लिमिटेड बनाम श्रीमती का मामला। सरला अग्रवाल और अन्य, और भी कई मामले हैं। उनका ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा है और वे अपने समकालीनों के बीच बहुत भरोसेमंद वकील हैं।

   सिद्धार्थ जोशी ने NewsIndia 9 के क्राइम एडिटर रोहित कुमार से साक्षात्कार के दौरान 8 नवंबर 2019 को हुई Delhi police vs Delhi Advocates घटना पर वकीलों में आक्रोश को लेकर कहा कि  8000 पुलिस अधिकारी न्यायपालिका के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर उतर आये. वकील पार्किंग क्षेत्र में अपने वाहन पार्क करने का इंतजार कर रहे थे लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उन्हें अपने वाहन पार्क करने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने वास्तव में वकीलों के खिलाफ लड़ने के लिए गोलियां चलाईं।                     सिद्धार्थ जोशी ने एक और मुद्दे पर बात की जो वरिष्ठ वकीलों और जूनियर वकीलों के बीच था। जूनियर वकील अधिक वजीफा मांग रहे थे क्योंकि वरिष्ठ वकील इसके खिलाफ थे। इस मामले को लेकर कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. उन्होंने स्पष्ट रूप से जूनियर वकीलों का समर्थन किया क्योंकि उन्होंने कहा कि उनके लिए अच्छी मात्रा में वजीफा होना चाहिए क्योंकि वे बहुत मेहनती हैं और वे इसके हकदार हैं। उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय का उदाहरण दिया क्योंकि उन्होंने जूनियर वकीलों को 20 हजार का वजीफा देने की अनुमति दी थी। हाल ही में कानूनों में कई बदलाव हुए हैं, जिससे लोगों में रोष है। सिद्धार्थ जोशी ने कहा कि परिवर्तन अपरिहार्य है। लोगों को बदलावों को स्वीकार करना होगा, हां इसमें समय लगेगा लेकिन अंततः हर कोई इसे स्वीकार करेगा।

Report : Rohit Kumar
(Crime News Editor)

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Rohit Kumar

Rohit Kumar is a famous Indian journalist and social activist based in Delhi, India. He is also known as “the investigator” and “news creator.” He is the director and chief editor of News India 9. Popular for his TV show “Koi Sataye Hame Bataye,” which creates awareness regarding societal issues and shares inspirational stories from society. The Ministry of Social Justice and Empowerment (Government of India) supports his channel and considers him a star icon.

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