हाल ही में भारतीय टीम का चयन करने वाली सीनियर चयन समिति ने विराट कोहली (Virat Kohli) से वनडे टीम की कमान छीन ली. इस दौरान बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने मीडिया में बयान दिया था कि उन्होंने और चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा (Chetan Sharma) ने विराट कोहली से वनडे टीम की कप्तानी छोड़ने को लेकर बात की थी. लेकिन विराट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गांगुली के इन दावों को नकार दिया.
विराट ने कहा कि सिलेक्टर्स ने टेस्ट टीम चुनने से डेढ़ घंटे पहले उन्हें यह जानकारी दी थी कि वह अब वनडे टीम के कप्तान नहीं रहेंगे. इसके बाद गांगुली और विराट की बातों में विरोधाभास से क्रिकेट जगत में नई हलचल मच गई. अब इस मसले पर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) ने भी अपनी राय रखी है. अफरीदी ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस मसले से बेहतर ढंग से निपट सकता था.
अफरीदी पाकिस्तान के एक खबरिया चैनल से इस मुद्दे पर अपनी राय रख रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘किसी भी क्रिकेट बोर्ड का रोल एक पिता की तरह होता है. बोर्ड और सेलेक्टर्स भविष्य को ध्यान में रखकर जो भी फैसला लेते हैं उसे संबंधित खिलाड़ी और कप्तान को जरूर बताया जाता है. जब ये सारी बातें मीडिया के जरिए बाहर आती हैं तब विवाद ही पैदा होता है.’
पाकिस्तान के इस पूर्व कप्तान ने उम्मीद जताई कि बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) को इस मसले पर एक दूसरे से आमने-सामने बैठकर बात करनी चाहिए. दोनों को मीडिया में बयान देने से बचना चाहिए. तभी इस मामले का हल निकल पाएगा.
विराट कोहली के इस खुलासे के बाद कि वनडे टीम की कप्तानी छोड़ने को लेकर बोर्ड की ओर से किसी ने उनसे बात नहीं की. इस पर कई पूर्व क्रिकेटर अपनी-अपनी राय रख रहे हैं. कई पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि बोर्ड अध्यक्ष गांगुली को कप्तानी के मसले पर बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि कप्तान का मसला भारतीय चयन समिति का है और उसके अध्यक्ष को ही कोहली से इस चर्चा करनी चाहिए थी.
बता दें विराट कोहली (Virat Kohli) के टी20 फॉर्मेट से कप्तानी छोड़ने के बाद चयनकर्ता सफेद बॉल फॉर्मेट में दो अलग-अलग कप्तान नहीं चाहते थे. इसलिए उन्होंने वनडे टीम की कप्तानी से भी विराट को हटाने का फैसला लिया और अब रोहित शर्मा को टी20 के बाद वनडे टीम की कमान भी सौंप दी है.