लूटपाट का विरोध करने पर बदमाशों ने युवती को चलती ट्रेन से फेंका नीचे, इलाज के दौरान हुई मौत  - न्यूज़ इंडिया 9
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लूटपाट का विरोध करने पर बदमाशों ने युवती को चलती ट्रेन से फेंका नीचे, इलाज के दौरान हुई मौत 

भागलपुर। मालदा डिवीजन के साहेबगंज-भागलपुर रेलखंड पर मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया। अप कामाख्या एक्सप्रेस (15620) में यात्रा कर रही एक युवती से लूटपाट के प्रयास के दौरान विरोध करने पर उसे चलती ट्रेन से धक्का दे दिया गया। यह दर्दनाक वारदात सबौर स्टेशन के पास हुई। गंभीर रूप से घायल युवती को मायागंज अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मृतका की पहचान खगड़िया निवासी सुनील कुमार की पुत्री काजल कुमारी (22) के रूप में हुई है, जो अपने परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने जा रही थी। ट्रेन सबौर स्टेशन के करीब पहुंची ही थी कि दो अज्ञात बदमाशों ने काजल के बैग से मोबाइल और नकदी छीनने की कोशिश की। जब काजल ने साहसपूर्वक इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने उसे ट्रेन से बाहर फेंक दिया।

घटना के बाद परिवार ने इमरजेंसी चेन खींचकर ट्रेन को रोका, लेकिन तब तक काजल रेलवे ट्रैक के किनारे गंभीर अवस्था में पड़ी थी। परिजनों का आरोप है कि मौके पर न तो कोई रेलवे सुरक्षा बल (RPF) कर्मी आया और न ही Government Railway Police (GRP) की ओर से मदद पहुंची। मजबूरी में परिवार ने खुद उसे ऑटो से अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

काजल की बहन जया ने नम आंखों से कहा, “अगर समय पर मदद मिल जाती, तो शायद आज दीदी हमारे साथ होती।”

इस घटना के बाद पीड़ित परिवार सदमे में है। परिजनों ने रेल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि ट्रेन में सुरक्षा बल तैनात थे, लेकिन किसी ने समय पर हस्तक्षेप नहीं किया। परिवार ने दोषियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ संबंधित रेलकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और सरकार से न्याय की गुहार लगाई है।

रेलवे सुरक्षा पर सवाल

यह घटना एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। आए दिन ट्रेनों में लूटपाट और छिनतई की घटनाएं सामने आ रही हैं। चिंता की बात यह है कि सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। यह स्थिति यात्रियों में भय और असुरक्षा का वातावरण बना रही है, जिसे दूर करने के लिए रेलवे प्रशासन को तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।

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