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जानिए उन 18 योजनाओं के बारे में, जिनकी पीएम मोदी ने देवभूमि को दी सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र में आज जो सरकार है, वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग हैं। सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर पहले की सरकारों ने उतनी गंभीरता से काम नहीं किया, जितना करना चाहिए था।

प्रधानमंत्री शनिवार को देहरादून स्थित परेड मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। संबोधन शुरू करने से पहले उन्होंने मंच से बटन दबाकर 18 हजार करोड़ रुपये की 18 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इससे पहले उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। पीएम के साथ राज्यपाल लेफ्टीनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी मंच पर पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया

इससे पूर्व जनसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग पूरे देश में बिखर रहे हैं, वो उत्तराखंड को नहीं निखार सकते। डबल इजंन उत्तराखंड का विकास करता रहेगा। कहा कि वन रैंक वन पेंशन हो, आधुनिक अस्त्र-शस्त्र हों, आतंकियों को मुंह तोड़ जवाब देना हो, पहले की सरकार के लोगों ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की कसम खा रखी थी। बॉर्डर के पास सड़कें बनें, पुल बनें, इस ओर उन्होंने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस शताब्दी की शुरुआत में अटल जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था। लेकिन उनके बाद 10 साल देश में ऐसी सरकार रही, जिसने देश का, उत्तराखंड का बहुमूल्य समय व्यर्थ कर दिया। 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए, घपले हुए, इससे देश का जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी गति से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं।

आज भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ से अधिक के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है। आज भारत की नीति, गतिशक्ति की है, दोगुनी-तीन गुनी तेजी से काम करने की है। उन्होंने कहा कि भारत नव निर्माण में, कनेक्टिविटी के महायज्ञ में, एक यज्ञ देवभूमि में भी हो रहा है। राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी का कितना लाभ होता है, यह केदारनाथ में अनुभव किया गया। केदारनाथ में पुनर्निर्माण से पहले 2012 में 5.70 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। कोरोनाकाल से पहले 2019 में केदारनाथ में 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। यानी केदारधाम के पुनर्निर्माण ने न सिर्फ श्रद्धालुओं की सख्या बढ़ाई बल्कि वहां के लोगों को रोजगार-स्वरोजगार के भी अवसर उपलब्ध कराए हैं। कहा कि आज मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास हो चुका है। जनसभा को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी संबोधित किया।

गढ़वाली भाषा में की भाषण की शुरुआत
इसके बाद उन्होंने परेड मैदान में जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने गढ़वाली में अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का सभी दाणा सयानो, दीदी भूलियो, चची और भय बहणों, आप सभी छ मेरा प्रणाम। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड का विकास डबल इंजन की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बीते 5 वर्षों में उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक परियोजनाएं स्वीकृत की हैं। यहां की सरकार इन्हें धरातल पर उतार रही है। इसी को आगे बढ़ाते हुए आज 18 हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण किया गया है। बीते वर्षों की कड़ी मेहनत व अनेक प्रक्रिया से गुजरने के बाद ये दिन आया है। मैं केदारपुरी के बाद अब देहरादून से दोहरा रहा हूं। ये परियोजनाएं इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएंगी। जो लोग पूछते हैं कि डबल इंजन की सरकार का क्या फायदा है, वह देख सकते हैं, कैसे ये सरकार विकास की गंगा बहा रही है।

डबल इंजन की सरकार विकास की गंगा बहा रही है
उन्होंने कहा कि जिन 18 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है, ये योजनाएं उत्तराखंड का दशक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि जो लोग पूछते थे डबल इंजन की सरकार से क्या फायदा हुआ, आज देख सकते हैं कि डबल इंजन सरकार विकास की गंगा बहा रही है। उत्तराखंड में विकास का भव्य स्वरूप डबल इंजन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पांच वर्षों में केंद्र ने एक लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत कीं। राज्य सरकार इन्हें तेजी से जमीन पर उतार रही है। ये परियोजनाएं उत्तराखंड का दशक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी।

दीदी भूलियो, चची और भय बहणों सभी छह मेरा प्रणाम
पीएम मोदी ने गढ़वाली में अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का सभी दाण सयानों, दीदी भूलियो, चची और भय बहणों, आप सभी छह मेरा प्रणाम। उनके इस संबोधन पर उपस्थित भीड़ ने ‘मोदी-मोदी’ से रिस्पांस दिया।

हमारे पहाड़ आस्था के गढ़, सुरक्षा के किले
उन्होंने कहा कि हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति, आस्था के गढ़ तो हैं ही, ये हमारे देश की सुरक्षा के भी किले हैं। पहाड़ों में रहने वालों का जीवन सुगम बनना देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। दुर्भाग्य से दशकों तक जो सरकार में रहे, उनकी नीति-रणनीति में दूर तक ये चिंतन कहीं था नहीं।

हमने 2000 किमी एनएच बनाए
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में डबल इंजन के महत्व को आंकड़ों के जरिये बताने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले केंद्र में जो सरकार थी, उसने सात साल में उत्तराखंड में केवल 288 किमी नेशनल हाईवे बनाए और 600 करोड़ रुपये खर्च किए। जबकि हमारी सरकार ने सात साल में उत्तराखंड में दो हजार किमी से अधिक लंबाई के नेशनल हाईवे का निर्माण किया और 12 हजार करोड़ खर्च किए। 12 हजार करोड़ को पीएम ने तीन बार बोला।

हम नया इको सिस्टम बना रहे हैं
पीएम ने कहा कि उत्तराखंड हमारी प्राथमिकता है। हमने करके दिखाया कि हम जी जान से काम करते हैं। ये सिर्फ एक आंकड़ा भर नहीं है। जब इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम होता तो उससे अनेक प्रकार के लाभ और अवसर प्राप्त होते हैं। ये प्रोजेक्ट रोजगार का नया इको सिस्टम बना रहे हैं और हजारों लोगों को रोजगार से जोड़ रहा है।

मजबूत नहीं मजबूर बनाना चाहते हैं कुछ दल
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लोगों को आश्रित नहीं आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। कुछ राजनीतिक दलों की विकृति का एक रूप यह है कि जनता को मजबूत नहीं, उन्हें मजबूर बनाओ, अपना मोहताज बनाओ। इस विकृत राजनीति का आधार रहा कि लोगों की आवश्यकताएं पूरी न करो, उन्हें आश्रित बनाकर रखो।

एक तबके को वोट बैंक में बदल दिया
उन्होने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने एक तबके को वोट बैंक में बदल दिया। उन्होंने तंज किया कि कुछ राजनीतिक दल समाज में भेद करके, सिर्फ एक तबके को, चाहे वो अपनी जाति का हो, किसी खास धर्म का हो, उसे ही कुछ देने का प्रयास करते हैं। उसे वोट बैंक में बदल दिया गया। दुर्भाग्य से इन राजनीतिक दलों के लोगों ने ये सोच पैदा कर दी कि सरकार ही हमारी माई-बाप है जब सरकार से मिलेगा, तभी हमारा गुजारा चलेगा।

हम आश्रित नहीं, आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं
पीएम ने कहा कि हमने नया रास्ता चुना है। यह मार्ग कठिन है, लेकिन देश हित में है। हम सबका साथ सबका विकास करना चाहते हैं। हमने लोगों की सेवा को प्राथमिकता दी है। हम जो भी योजनाएं लाएंगे, सबके लिए लाएंगे, बिना भेदभाव के लाएंगे। हमने वोट बैंक की राजनीति को आधार नहीं बनाया, बल्कि लोगों की सेवा को प्राथमिकता दी। हमारी अप्रोच रही कि देश को मजबूती देनी है। इस सोच, इस अप्रोच से अलग, हमने एक अलग रास्ता चुना। हम लोगों को आश्रित नहीं, आत्मर्भिर बनाना चाहते हैं।

धामी की पीठ थपथपाई, अनुभवी नेताओं की टीम गिनाई
जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना उद्बोधन पूरा किया और अपने स्थान पर पहुंचे तो प्रधानमंत्री ने उन्हें पीठ थपथपाकर शाबाशी दी। राज्य में टीकाकरण के लिए उन्हें बधाई दी। साथ ही अपने उद्बोधन में युवा मुख्यमंत्री, अनुभवी मंत्रियों की टीम का जिक्र किया और कहा कि उनके साथ वरिष्ठ नेताओं की शृखंला है, जो उत्तराखंड के विकास के लिए काम कर रही है।

इन योजनाओं का हुआ लोकार्पण

-120 मेगावाट की व्यासी जलविद्युत परियोजना (लागत 1777 करोड़)

-आल वेदर रोड परियोजना में देवप्रयाग से श्रीकोट तक सड़क का चौड़ीकरण (257.34 करोड़)

-आल वेदर रोड परियोजना में ब्रह्मपुरी से कौडियाला तक चौड़ीकरण व डक्ट निर्माण (248.22 करोड़)

-आल वेदर रोड परियोजना के तहत लामबगड़ में भूस्खलन क्षेत्र का उपचार (107.68 करोड़)

-आल वेदर रोड परियोजना में साकनीधार, श्रीनगर व देवप्रयाग में भूस्खलन क्षेत्रों का उपचार (75.9 करोड़)

-हिमालयन कल्चर सेंटर (67 करोड़)

-स्टेट आफ आर्ट परफ्यूमरी एंड एरोमा लैबोरेट्री देहरादून (40 करोड़)

इन योजनाओं का हुआ शिलान्यास

-175 किमी लंबा दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (8600 करोड़)

-दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे हरिद्वार, हलगोवा, बहादराबाद तक जुड़ाव (2082 करोड़)

-हरिद्वार रिंग रोड: मनोहरपुर से कांगड़ी (1602 करोड़)

-लक्ष्मणझूला के निकट सेतु निर्माण (69.263 करोड़)

-देहरादून-पांवटा साहिब (1695 करोड़)

-नजीबाबाद-कोटद्वार एनएच का चौड़ीकरण (86 करोड़)

-बदरीनाथ धाम में आधारभूत सुविधाओं का विकास (220 करोड़)

-गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में आधारभूत सुविधाओं का विकास (54 करोड़)

-हरिद्वार मेडिकल कालेज (538 करोड़)

-देहरादून में जलापूर्ति, सड़क व ड्रेनेज सिस्टम (724 करोड़)

-चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट देहरादून (58 करोड़)

उत्तराखंड को लेकर कही ये प्रमुख बातें
– होम स्टे में देश को नई दिशा देगा उत्तराखंड।
– ऐसा कोई लक्ष्य नहीं जिसे उत्तराखंड हासिल नहीं कर सकता।
– युवा नेतृत्व अनुभवी मंत्री और वरिष्ठ नेताओं की शृंखला उत्तराखंड का विकास।
– कर्म और कठोरता की भूमि है उत्तराखंड।

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