
सासाराम। जिला व्यवहार न्यायालय ने हत्या के 24 वर्ष पुराने मामले में पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही इनके ऊपर न्यायालय द्वारा 60-60 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। जिला व्यवहार न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश-13 प्रमोद कुमार पांडे के न्यायालय ने हत्या से जुड़े 24 वर्ष पुराने मामले में गुरुवार को दो पिता-पुत्र को दोषी करार दिया है। एडीजे 13 ने दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
रोहतास जिले के राजपुर थाने में बलिगांव गांव निवासी राजेंद्र प्रसाद सिंह की शिकायत पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। दर्ज प्राथमिकी 172/2001 के अनुसार घटना राजपुर थाना क्षेत्र के बलीगांव में 26 अक्टूबर 2001 की रात्रि 10 बजे हुई थी। गौशाला में भैंस बांधने को लेकर उपजे विवाद में अभियुक्तों ने राइफल व कट्टा से लैस होकर मामले के सूचक के घर में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें सूचक की भाभी राज कुमारी देवी की गोली लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी।
केस के अपर लोक अभियोजक रामकुमार तिवारी ने बताया कि मामले में कुल पांच अभियुक्त ट्रायल फेस कर रहे थे। इसमें त्रिभुवन चौधरी एवं दिग्विजय चौधरी नामक दो अभियुक्त को साठ-साठ हजार जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है तथा तीन अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया है। वहीं घटना के मुख्य अभियुक्त राजन चौधरी की पहले ही हत्या हो गई थी।
अभियोजन पक्ष की तरफ से इस मामले में सात गवाहों की गवाही न्यायालय में दर्ज कराई गई थी और न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने में लगभग 24 वर्ष बीत गए। इसके बाद कोर्ट ने अभियुक्तों को भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाई है।