हर माह 300 मीट्रिक टन सूखे कूड़े को निस्तारित करेगा ईकोटेक-12 का एमआरएफ केंद्र - न्यूज़ इंडिया 9
ग्रेटर नोएडा

हर माह 300 मीट्रिक टन सूखे कूड़े को निस्तारित करेगा ईकोटेक-12 का एमआरएफ केंद्र

–ग्रेनो प्राधिकरण के एसीईओ ने यूएनडीपी व एचडीएफसी बैंक के साथ किया भूमिपूजन

–2.5 करोड़ का लागत से पांच में बनाने का लक्ष्य, कूड़े से दैनिक उपयोग के उत्पाद बनेंगे

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले सूखे कूड़े को निस्तारित करने के लिए मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) केंद्र सेक्टर-ईकोटेक 12 में बनना शुरू हो गया है। शुक्रवार को इसकी नींव रखी गई। यह चार से पांच माह में तैयार हो जाएगा। इस प्लांट से हर माह करीब 300 मीट्रिक टन सूखे कूड़े का निस्तारण हो सकेगा। इस कूड़े से निकलने वाले प्लास्टिक वेस्ट से घरेलू उत्पाद भी बनाए जाएंगे।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण की तरफ से सेक्टर का कूड़ा सेक्टर में, मोहल्ले का कूड़ा मोहल्ले में और घरों का कूड़ा घरों में निस्तारित करने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए सेक्टर–12 में एमआरएफ केंद्र का शुक्रवार को भूमिपूजन हुआ। यह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यूएनडीपी व एचडीएफसी बैंक के संयुक्त प्रयास से बन रहा पहला एमआरएफ केंद्र है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ दीप चंद्र, यूएनडीपी इंडिया की प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम की प्रमुख सलोनी गोयल व एचडीएफसी बैंक के क्लस्टर हेड संजय ठाकुर ने भूमिपूजन कर नींव रखी। इस मौके पर एसीईओ दीप चंद्र ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के हर तरह के कूड़े का निस्तारण करने के लिए प्राधिकरण ने लगातार प्रयास किए। कोरोना के बावजूद प्राधिकरण लगातार प्रयास करता रहा।

इसी का नतीजा है कि आज एमआरएफ केंद्र का भूमिपूजन हो रहा है। उन्होंने ग्रेटर नोएावासियों से अपील की, कि शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए खुद से जागरूक होना होगा। कूड़े को इधर-उधर फेंकने के स्वभाव में बदलाव लाना होगा। एसीईओ ने कहा कि औद्योगिक निवेश का हब बनने के बावजूद ग्रेटर नोएडा का हरियाली और स्वच्छता पर भी विशेष फोकस है। एनसीआर का सबसे हरित शहर भी ग्रेटर नोएडा ही है। सलोनी गोयल ने बताया कि इस सूखा कूड़ा प्रबंधन स्वच्छता केंद्र से हर माह करीब 300 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण हो सकेगा। कलेक्शन सेंटरों से कूड़ा उठाने लेकर दैनिक उपयोग के उत्पाद बनाने तक का प्रोसेस पूरा किया जाएगा। इससे बेंच, लैंप व अन्य सजावटी उत्पाद बन सकेंगे। इन उत्पादों का इस्तेमाल घरों, पार्कों आदि में हो सकेगा।

इस प्लांट को तैयार होने में चार से पांच माह लगेंगे। इसके निर्माण में करीब 2.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह पैसा एचएफसी बैंक वहन करेगा। करीब 400 सफाई साथी इस अभियान को अंजाम तक पहुचाएंगे। सलोनी ने बताया कि यूएनडीपी देश के 20 राज्यों में 25 जगहों पर एमआरएफ केंद्र को ऑपरेट कर रहा है। इस दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक ब्रह्म सिंह, सहायक प्रबंधक वैभव नागर, डॉ. उमेश चंद्रा व प्रभात शंकर, एचडीएफसी बैंक के सीनियर मैनेजर गौरव सिंह, अनिल कुमार और अर्नेस्ट एंड यंग के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

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