3 लाख का कर्ज और सांड के हमले का दर्द, किसान ने फांसी लगा दी जान; सुसाइड नोट में लिखी ये बातें - न्यूज़ इंडिया 9
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3 लाख का कर्ज और सांड के हमले का दर्द, किसान ने फांसी लगा दी जान; सुसाइड नोट में लिखी ये बातें

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक किसान ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी है। खुदकुशी करने से पहले उसने एक सुसाइड नोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम लिखा। किसान का शव घर के पास ही लगे पेड़ पर फंदे से लटका मिला। देर रात लोगों ने देखा तो पुलिस को जानकारी दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और मामले की जांच शुरु कर दी।

बता दें कि यह पूरा मामला कानपुर देहात के मंगलपुर का है। जहां के निवासी चंद्रपाल सिंह (80) के पास सात बीघा खेतिहर जमीन है। उन्होंने दो महीने पहले पूर्वी बड़ौदा ग्रामीण बैंक की मंगलपुर शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड पर 3.60 लाख रुपये खेतीबाड़ी के लिए कर्ज लिया था। वहीं उन्होंने पैसों की कमी के चलते अपना एक बीघा खेत गांव के ही एक व्यक्ति के पास गिरवी रखकर 60 हजार का कर्ज लिया था। एक दिन खेत में काम करते समय चंद्रपाल पर सांड ने हमला कर दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। परिवार वालों ने किसी तरह जुगाड़ लगाकर उसका इलाज कराया।

कर्ज न चुका पाने के दर्द ने ली किसान की जान

तंगी के कारण चंद्रपाल कर्ज नहीं चुका पाया। कर्ज बढ़ने के साथ-साथ चंद्रपाल का तनाव भी बढ़ता गया। उसका यह मानसिक तनाव इतना बढ़ गया कि लोगों चंद्रपाल को खुदकुशी के अलावा कोई और रास्ता नजर नहीं आया। उसने मरने से पहले सीएम योगी और पीएम मोदी के नाम पर सुसाइड नोट लिखा और फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस ने शव और सुसाइड नोट कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की।

किसान यह लिखा पत्र में…

किसान ने पत्र में लिखा था कि आदरणीय माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आदरणीय माननीय योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश आप को विदित हो कि मैं किसान चंद्रपाल सिंह मंगलपुर। मेरे पास मात्र सात बीघा जमीन है। मेरे एक लड़का व दो लड़की हैं। दूसरे लड़के की मृत्यु हो गई है। दो नाती हैं। एक की शादी हो गई है। इनका पालन पोषण शादी आदि से मेरे ऊपर बैंक का 3.60 लाख का कर्जा है। एक बीघा खेत 60 हजार में गिरवी रखा है। आप लेखपाल बैंक से खुद पता कर लो।

मुझे अन्ना सांड ने इतना पटक कर मारा चल नहीं पाताः किसान  

मुझे अन्ना सांड ने इतना पटक कर मारा है कि चल तक नहीं पाता। एक अन्य सांड मुझे मेरे दरवाजे पर ही मार डालता, अगर पड़ोसी सांड को नहीं भगाते। मैं तो बेहोश हो गया था। जिला पंचायत सदस्य संतोष ने बचा लिया। अब एक कर्ज का दर्द दूसरा सांड के मारे के दर्द से रात में मैं पीड़ा से चिल्लाता हूं, तो मैंने यह सोचा कि इस जीवन से मौत अच्छी है। इसी को गले लगा लिया। सभी गांव वाले और पड़ोस वाले मुझे मानते रहे। नमस्कार विशेष कर भंनसई वाले बच्चों। इनकी मैंने बहुत रोटी खाई। हमारी गलती जो हुई हमारे को माफ कर देना। चंद्रपाल सिंह मैं ज्यादा दुखी हूं हरी के यहां अब मैं जा रहा। वहीं किसान की मौत के बाद सपा ने ट्वीट कर किसान को मुआवजा देने की मांग की है।

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