500 करोड़ रुपये का चूना लगाकर दिल्ली की कोऑपरेटिव सोसायटी हुई फरार  - न्यूज़ इंडिया 9
अपराध

500 करोड़ रुपये का चूना लगाकर दिल्ली की कोऑपरेटिव सोसायटी हुई फरार 

हिमाचल। आठ जिलों के हजारों लोगों को करीब 500 करोड़ रुपये का चूना लगाकर दिल्ली की कोऑपरेटिव सोसायटी गायब हो गई। ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी ने प्रदेश में 37 शाखाएं खोल रखी हैं और नौ साल से लोगाें से एफडी पर 9 से 14 फीसदी ब्याज देने का प्रलोभन देकर निवेश करवाया जा रहा था। ठगी की शिकायतें मिलने के बाद सेंट्रल रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी ने उक्त सोसायटी को कई नाेटिस भेजे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब जब दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय बंद होने की पुष्टि हुई तो सोसायटी के खिलाफ लिक्विडेशन (विघटन) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस प्रक्रिया के तहत सोसायटी की संपत्तियों से निवेशकों की देनदारियां निपटाई जाएंगी।

सोसायटी के खिलाफ लिक्विडेशन की प्रक्रिया शुरू
ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी ने स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी से 30 मार्च 2016 को एनओसी लिया था। निवेशकों में सरकारी अफसर, कर्मचारी, कारोबारी, पेंशनर और गृहिणी सहित विभिन्न तबके के लोग शामिल हैं। हैरत की बात यह है कि इतना बड़ा घोटाला सामने आने के बाद कई जिलों में ये शाखाएं सुविधा केंद्र के नाम से अब भी चल रही हैं। सोसायटी ने शिमला, सोलन, ऊना, सिरमौर, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर में शाखाएं खोल रखी हैं और इन्हें सुविधा केंद्र का नाम दे रखा है। प्रत्येक शाखा का जिम्मा एक प्रबंधक के पास है। इन प्रबंधकों के साथ सैकड़ों एजेंट कमीशन पर काम कर रहे थे। एजेंट स्थानीय होने से लोग झांसे में आते रहे। शिमला और ऊना में निवेशकों की संख्या सबसे अधिक बताई जा रही है। कुछ निवेशकों ने ठगी की शिकायत राज्य रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी के कसुम्पटी स्थित कार्यालय में भी की है। उधर, रजिस्ट्रार स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटीज आरके पुर्थी ने बताया कि सोसायटी के खिलाफ लिक्विडेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जो शिकायतें मिल रही हैं, उन्हें कार्रवाई के लिए सेंट्रल रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटीज को भेजा जा रहा है।

सोसायटी का पोर्टल और वेबसाइट अचानक बंद होने से जागे निवेशक
सोसायटी का पोर्टल और वेबसाइट 2 दिसबंर 2024 को अचानक बंद होने से निवेशक जागे और उनमें बेचैनी का माहौल बनना शुरू हुआ। उस समय निवेशकों को यह कहकर शांत किया गया कि तकनीकी खराबी की वजह से यह परेशानी पेश आ रही है और निवेशकों का पैसा सुरक्षित है। तब एक एजेंट ने छोटा शिमला थाना में सोसायटी के खिलाफ 3.33 करोड़ का धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया। हालांकि इस मामले में पुलिस के हाथ अभी तक कुछ नहीं लगा। बता दें कि सोसायटी के अंतरराज्यीय होने के कारण इसके खिलाफ जांच, ऑडिट, निरीक्षण की शक्तियां सेंट्रल रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटीज दिल्ली के पास हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button