डेबिट-क्रेडिट यूजर्स को राहत, विदेश में सात लाख तक के खर्च पर नहीं देना होगा टीसीएस - न्यूज़ इंडिया 9
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डेबिट-क्रेडिट यूजर्स को राहत, विदेश में सात लाख तक के खर्च पर नहीं देना होगा टीसीएस

वित्त मंत्रालय ने कई आलोचनाओं के बाद एलआरएस स्कीम के तहत क्रेडिट और डेबिट कार्ड से विदेशों में खर्च पर सफाई दी है. वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वित्त वर्ष के दौरान 7 लाख रुपये तक डेबिट और क्रेडिट कार्ड से विदेशों में खर्च करने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 700,000 रुपये तक के डेबिट और क्रेडिट कार्ड भुगतान को लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) से बाहर रखा जाएगा और 1 जुलाई से इसपर टीसीएस नहीं वसूला जाएगा. कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के ​जरिए होने वाले खर्च को लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत लाने का फैसला किया गया था. इसके तहत खर्च पर 20 फीसदी ​टीडीएस लगाया गया था.

विदेशों में पढ़ाई और ​इलाज पर टैक्स छूट

मंत्रालय का कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्रीय बजट ने 1 जुलाई से LRS के तहत विदेशी मुद्रा खरीद पर सोर्स पर टैक्स कलेक्शन (TCS) के लिए 700,000 की सीमा हटा दिया है, जबकि शिक्षा, मेडिकल को छोड़कर टैक्स की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है.

अलग से जारी होंगे बदलाव 

वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से विदेशों में होने वाले खर्च के बारे में फैले अस्पष्टता को लेकर किया गया है. इसे एलआरएस से बाहर किया गया है, जिसके कारण कोई टीसीएस नहीं होगा. मंत्रालय ने कहा कि नियमों (विदेशी मुद्रा प्रबंधन, चालू खाता लेनदेन नियम, 2000) में आवश्यक बदलाव अलग से जारी किए जाएंगे.

अभी क्या है नियम 

अभी व्यक्तियों द्वारा विदेशी मुद्रा में वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीदारी 700,000 की सीमा से ऊपर 5 फीसदी टीसीएस कटौती होती है. अगर भारतीय रुपये में ये भुगतान किया जाता है तो इसपर कोई टीसीएस चार्ज नहीं लिया जाएगा. यह वैसे भी TCS देयता से बाहर था और 1 जुलाई के बाद भी TCS के अंतर्गत नहीं आएगा.

फैसले का स्वागत 

एक्सपर्ट्स ने 1 जुलाई के बाद विदेशी मुद्रा खरीद पर टीसीएस के लिए 700,000 रुपये की सीमा को बरकरार रखने के फैसले का स्वागत किया. एक्सटर्स के मुताबिक, इससे छोटे अंतरराष्ट्रीय भुगतान भी टीसीएस के अधीन हो सकते थे और करदाता गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते थे. अब ऐसा नहीं होगा.

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