समलैंगिक युवकों को कमरे में बुलाकर उनकी वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह के तीन बदमाशों को दबोचा

दिल्ली- एनसीआर। समलैंगिक युवकों को कमरे में बुलाकर उनकी वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह के तीन बदमाशों को पुलिस ने पकड़ा है। फेज-2 पुलिस की ओर से इनके पास से घटना में इस्तेमाल किए जाने वाला मोबाइल भी बरामद किया गया है। पुलिस को गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी मिली है। आरोपियों की पहचान बुलंदशहर के अनूपशहर निवासी संदीप सिंह और विष्णु और डिवाई निवासी राहुल के रूप में हुई है। गिरफ्त में आए आरोपियों ने अभी तक कितनी वारदात की हैं, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि तीनों 12वीं पास हैं। नौकरी के सिलसिले में नोएडा आए थे और गिरोह बनाकर इस प्रकार का अपराध करने लगे। तीनों आरोपियों की उम्र 19 से 22 साल के करीब है। वर्तमान में थानाक्षेत्र के इलाहाबास गांव में किराये का कमरा लेकर रह रहे हैं। केस दर्ज होने के बाद तीनों आरोपी जब बुलंदशहर भागने की फिराक में थे तभी मुखबिर से मिली सूचना पर पुलिस ने उन्हें बस स्टैंड के पास से धर दबोचा।
आरोपी फैक्टरी और कंपनियों में काम करने वाले समलैंगिक युवकों से संपर्क बढ़ाते थे। तीनों आरोपी ऐसे युवकों को अच्छी जगह नौकरी लगवाने का झांसा देते थे और साक्षात्कार देने के लिए कमरे में बुलाते थे। जैसे ही युवक कमरे पर पहुंचता था आरोपी कमरा बंद कर उसकी अश्लील वीडियो बना लेते थे। इसी वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर युवकों से पैसे की मांग की जाती थी।
शिकायत दर्ज होने के बाद सक्रिय हुई पुलिस
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि एक व्यक्ति ने थाने पर सूचना दी कि तीन लोगों ने उसे मिलने के बहाने बुलाया और कमरे में बंद कर दिया। तीनों ने युवक के साथ अश्लील हरकत की और इसकी वीडियो बना ली। वीडियो डिलीट करने के एवज में युवक से पैसे की मांग की जा रही है। युवक ने जब पैसे देने से इनकार किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। बदनामी के डर से आरोपी ने पहली बार में 2500 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए थे। जिस दिन पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई उस दिन भी आरोपियों ने 1500 रुपये दिए थे। आरोपियों के पैसे मांगने का सिलसिला जारी था। जैसे ही मामला संज्ञान में आया फेज-2 थाना प्रभारी की अगुवाई में आरोपियों को दबोचने के लिए टीम गठित की गई। और आरोपियों को दबोचा गया।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिये पकड़ा
पहला ट्रांजेक्शन आरोपियों ने ऑनलाइन कराया था। यही पुलिस के लिए मददगार बना और पुलिस ने केस दर्ज होने के कुछ घंटे के भीतर ही आरोपियों की लोकेशन ट्रेस कर ली और इन्हें धर दबोचा। हालांकि पुलिस की नजर से बचने के लिए आरोपी वाट्सऐप और वीपीएन इंटरनेट पर ही बातचीत करते थे।
अन्य जगहों पर भी ठगी करने की थी साजिश
गिरोह के शातिरों द्वारा नोएडा के अलावा दिल्ली और गुरुग्राम के समलैंगिक युवकों को निशाना बनाते थे। आरोपियों के मोबाइल के रिकार्ड को खंगाला जा रहा है। युवकों के पास से बरामद मोबाइल की जब जांच की गई तो उसमें आपत्तिजनक वीडियो मिला। आरोपी कैश के रूप में रकम लेने को प्राथमिकता देते थे, ताकि ट्रांजेक्शन डिटेल के जरिए इनको पकड़ा ना जा सके।