रोपड़। अदालत ने नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म में पॉक्सो अधिनियम के तहत एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए 20 साल के कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने मकबाना निहारव गणपत भाई (23) निवासी अमराईवाड़ी, जिला अहमदाबाद (गुजरात) को सजा सुनाई है। 29 मई 2023 को मुकदमा शुरू हुआ और मुकदमा पूरा होने के बाद, रूपनगर की जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमारी ने सोमवार को उसे दोषी ठहराया।
15 फरवरी 2023 को एक नाबालिग घर से लापता हो गई थी। पीड़िता के माता-पिता द्वारा एफआईआर तब दर्ज कराई जब उन्हें बताया गया कि लड़की न तो स्कूल पहुंची और न ही उसने अपने माता-पिता से संपर्क किया। इसके बाद लड़की को अमराईवाड़ी, जिला अहमदाबाद (गुजरात) से बरामद किया गया। अपराध के समय पीड़िता को बच्ची माना गया क्योंकि उसकी उम्र मात्र 14 वर्ष थी। वह आरोपी से ऑनलाइन मिली थी और उससे दोस्ती हो गई थी, लेकिन बाद में आरोपी ने उससे मुलाकात की और उसे गुजरात अपने घर ले गया। वहां एक कमरे में बंधक बनाकर रखा और बार-बार उसके साथ दुष्कर्म किया।
सचिव, डीएलएसए ने बताया कि कानून के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की सहमति कोई सहमति नहीं है। यह फैसला इस बात को समझने में बहुत मददगार है कि नाबालिग की सहमति कानून की नजर में आरोपी के लिए बचाव का कोई आधार नहीं होगी। उन्होंने बताया कि स्कूलों में पढ़ने वाले और अपने माता-पिता के साथ रहने वाले युवा लड़कों और किशोर लड़कियों को इस बात के प्रति जागरूक करने की बहुत जरूरत है कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की सहमति कोई सहमति नहीं है।