आमात्रा होम्स प्रोजेक्ट का पर्यावरण से खिलवाड़
Getting your Trinity Audio player ready...
|
आमात्रा होम्स प्रोजेक्ट बनाने वाली नंदी इंफ्राटेक ने मानवता के प्रति क्रूरता की सभी सीमाएं लांग दी हैं। निवेशक के खून पसीने की कमाई का तो भगवान ही जाने क्या होगा पर आज न्यूज़ इंडिया 9 एक ऐसा खुलासा करने जा रहा है, जिसे जानकर आप के सामने नंदी इंफ्राटेक के निदेशकों का क्रूर चेहरा सामने आएगा।
सरकार द्वारा भवन निर्माण में भूमिगत जल का प्रयोग पूर्णत प्रतिबंधित है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने भवन निर्माण के लिए अपने संचालित एसटीपी प्लांट से निकलने वाले पानी से भवन निर्माण किए जाने की व्यवस्था की है। बिल्डर को एक तय शुल्क देकर यह पानी खरीदना होता है। भूमिगत जल का स्तर और न गिर जाए, इसलिए यह प्रतिबंध इतना कडा है कि यदि प्रशासन को इसकी जानकारी मिलती है। तो दोषी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ बड़े अर्थदंड का प्रावधान है। मिली जानकारी के अनुसार इस समय प्रोजेक्ट में जितना निर्माण हो चुका है। उतने निर्माण में जिस मात्रा में एसटीपी पर से पानी खरीदा जाना था नंदी इंफ्राटेक ने उसका बीस प्रतिशत भी पानी नहीं खरीदा है। मतलब यह कि भवन निर्माण में लगा अस्सी प्रतिशत पानी गैरकानूनी रूप से भूमि से दोहन करके निकाला गया है। सरकारी सिस्टम पर्यावरण के प्रति कितना संजीदा है जानिए। यह कंपनी शासन प्रशासन को ठेंगा दिखाकर इंसानियत से खिलवाड़ कर रही है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे नंदी इंफ्राटेक के निर्देशकों को शासन और प्रशासन का तो डर है ही नहीं, भगवान को भी कुछ नहीं समझते हैं। इंसान से पीने का पानी भी छीन रहे हैं।